हमारे बारे में
उत्तर प्रदेश में सुरक्षित पेयजल आपूर्ति और सीवरेज सुविधाएँ प्रदान करने के लिए 1927 में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की स्थापना की गई थी।वर्ष 1946 में इसका नाम बदलकर स्थानीय स्वशासन अभियंत्रण विभाग (एलएसजीईडी) कर दिया गया। इसके बाद, 1975 में उत्तर प्रदेश जल आपूर्ति
एवं सीवरेज अधिनियम, 1975 (अधिनियम संख्या 43, 1975) के तहत इसे उत्तर प्रदेश जल निगम में परिवर्तित कर दिया गया।
इस अधिनियम के अनुसार, जल निगम का अधिकार क्षेत्र संपूर्ण उत्तर प्रदेश (छावनी क्षेत्र को छोड़कर) पर है। इस निगम के गठन का मूल उद्देश्य जल आपूर्ति
एवं सीवरेज सेवाओं का विकास एवं विनियमन तथा उससे संबंधित मामलों का प्रबंधन करना था।
चूंकि उत्तर प्रदेश जल निगम का अधिकार क्षेत्र ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों पर है।
इस प्रकार, योजनाओं और अन्य के बेहतर विकास और पर्यवेक्षण के लिए उत्तर प्रदेश जल आपूर्ति और सीवरेज (संशोधन) अधिनियम, 2021 24 अगस्त, 2021 को
लागू हुआ। इस अधिनियम के अनुसार पूर्ववर्ती उत्तर प्रदेश जल निगम को उत्तर प्रदेश जल निगम (शहरी) और उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) में विभाजित किया गया था।
जल जीवन मिशन की परिकल्पना 2025 तक उत्तर प्रदेश के सभी ग्रामीण घरों में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने की है।
कार्यक्रम अनिवार्य तत्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों को भी लागू करेगा, जैसे कि भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण,
वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग।
जल जीवन मिशन पानी के प्रति सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित होगा और इसमें मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना,
शिक्षा और संचार शामिल होगा। जल जीवन मिशन पेय जल के लिए एक जन आंदोलन बनाना चाहता है, जिससे यह हर किसी की प्राथमिकता बन सके।
"नीर निदान" पोर्टल जल सेवाओं से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए यूपी के नागरिकों और विभाग के बीच एक डिजिटल सेतु है।
यहाँ क्षतिग्रस्त पाइप लाइन, जल आपूर्ति बाधा, सड़क मरम्मत, नया कनेक्शन, जल की गुणवत्ता एवं अन्य शिकायतें नागरिक द्वारा आसानी से दर्ज की जा सकती हैं और उसकी प्रगति को भी ट्रैक कर सकते हैं।
शिकायत मिलते ही संबंधित एजेंसी या अधिकारी को सूचना भेजी जाती है और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाता है।
समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु सभी शिकायतों की निगरानी उच्चाधिकारियों द्वारा की जाती है।
हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ, सुरक्षित और निरंतर जल आपूर्ति उपलब्ध कराई जाए।
"नीर निदान" नागरिक सहभागिता और विभागीय दक्षता को बढ़ावा देकर बेहतर जल सेवाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।